उत्तराखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग ने घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली का झटका दे दिया है। आयोग ने बिजली की दरों में दस पैसे प्रति यूनिट से लेकर 50 पैसे प्रति यूनिट तक की वृद्धि की है। इसके साथ ही उपभोक्ताओं को हर माह स्थिर प्रभार भी अधिक देना होगा।
हालांकि सौ यूनिट तक का उपयोग करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं का स्थिर प्रभार नहीं बदला गया है। विद्युत नियामक आयोग का कहना है कि विद्युत दरों में उत्तराखंड ऊर्जा निगम ने 26.24 प्रतिशत की वृद्धि प्रस्तावित की थी, लेकिन हानि का आकलन करने के बाद आयोग ने केवल 7.13 प्रतिशत की वृद्धि दर ही स्वीकार की।
नई दरें एक अप्रैल 2015 से लागू हो गई हैं। बताया गया कि दो साल बाद बिजली की दरें बढ़ीं हैं। इससे पहले 2013 में दरें बढ़ीं थीं।
शनिवार को मीडिया से मुखातिब विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन सुभाष कुमार ने कहा कि आंध्र प्रदेश, बिहार, उड़ीसा, कर्नाटक और तेलंगाना के बाद नये टैरिफ को लागू करने वाला देश का छठा राज्य उत्तराखंड बन गया है।
हालांकि सौ यूनिट तक का उपयोग करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं का स्थिर प्रभार नहीं बदला गया है। विद्युत नियामक आयोग का कहना है कि विद्युत दरों में उत्तराखंड ऊर्जा निगम ने 26.24 प्रतिशत की वृद्धि प्रस्तावित की थी, लेकिन हानि का आकलन करने के बाद आयोग ने केवल 7.13 प्रतिशत की वृद्धि दर ही स्वीकार की।
नई दरें एक अप्रैल 2015 से लागू हो गई हैं। बताया गया कि दो साल बाद बिजली की दरें बढ़ीं हैं। इससे पहले 2013 में दरें बढ़ीं थीं।
शनिवार को मीडिया से मुखातिब विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन सुभाष कुमार ने कहा कि आंध्र प्रदेश, बिहार, उड़ीसा, कर्नाटक और तेलंगाना के बाद नये टैरिफ को लागू करने वाला देश का छठा राज्य उत्तराखंड बन गया है।
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