गैंगस्टर नीरज बवाना की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस के हाथ एक बड़ी कामयाबी लगी है। पुलिस ने नीरज की निशान देही पर दिल्ली के कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक रामवीर शौकीन के प्लॉट से उत्तराखंड पुलिस से लूटे हथियार बरामद कर लिए है।
आपको बता दें कि गैंगस्टर नीरज बवाना उर्फ नीरज बवानिया उर्फ नीरज सेहरावत पुलिस कस्टडी से अपने दो साथियों को छुड़वाना चाहता था, इसलिए उसने उत्तराखंड पुलिस की कस्टडी से बागपत में अमित मलिक उर्फ भूरा को छुड़वाया था।
इस दौरान नीरज ने उत्तराखंड पुलिस से एक एके 47 और एसएलआर लूट लिया था। अब नीरज की निशानदेही के बाद दिल्ली पुलिस ने यह हथियार नीरज के मामा और कांग्रेसी नेता के प्लॉट से बरामद किए है।
इससे पूर्व रामवीर शौकिन ने मीडिया में कहा था कि नीरज से उनका कोई नाता नहीं है और वह एक साल से उससे नहीं मिले हैं, लेकिन शौकिन के प्लॉट से बरामद हथियारों ने सारा सच बयां कर दिया है।
दिल्ली पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने बताया कि नीरज बवाना के दो साथी अमित शुक्ला और नवीन बाली तिहाड़ जेल में बंद हैं। नीरज की साजिश यह थी कि दिल्ली पुलिस इन दोनों को पेश करने कहीं दिल्ली से बाहर ले जाएगी तब पुलिस कस्टडी से उन दोनों को छुड़वाया जाए।
अमित भूरा को छुड़वाने का एक उद्देश्य एक ये भी था। हालांकि नीतू दबोदा के उलट नीरज बवाना ने कभी पुलिसकर्मियों पर हमला नहीं किया। अमित भूरा को छुड़वाने के लिए हथियारों के बजाय मिर्ची के पाउडर का इस्तेमाल किया था।
आपको बता दें कि गैंगस्टर नीरज बवाना उर्फ नीरज बवानिया उर्फ नीरज सेहरावत पुलिस कस्टडी से अपने दो साथियों को छुड़वाना चाहता था, इसलिए उसने उत्तराखंड पुलिस की कस्टडी से बागपत में अमित मलिक उर्फ भूरा को छुड़वाया था।
इस दौरान नीरज ने उत्तराखंड पुलिस से एक एके 47 और एसएलआर लूट लिया था। अब नीरज की निशानदेही के बाद दिल्ली पुलिस ने यह हथियार नीरज के मामा और कांग्रेसी नेता के प्लॉट से बरामद किए है।
इससे पूर्व रामवीर शौकिन ने मीडिया में कहा था कि नीरज से उनका कोई नाता नहीं है और वह एक साल से उससे नहीं मिले हैं, लेकिन शौकिन के प्लॉट से बरामद हथियारों ने सारा सच बयां कर दिया है।
दिल्ली पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने बताया कि नीरज बवाना के दो साथी अमित शुक्ला और नवीन बाली तिहाड़ जेल में बंद हैं। नीरज की साजिश यह थी कि दिल्ली पुलिस इन दोनों को पेश करने कहीं दिल्ली से बाहर ले जाएगी तब पुलिस कस्टडी से उन दोनों को छुड़वाया जाए।
अमित भूरा को छुड़वाने का एक उद्देश्य एक ये भी था। हालांकि नीतू दबोदा के उलट नीरज बवाना ने कभी पुलिसकर्मियों पर हमला नहीं किया। अमित भूरा को छुड़वाने के लिए हथियारों के बजाय मिर्ची के पाउडर का इस्तेमाल किया था।
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